शनिबार, बैशाख १५, २०८१
  • होमपेज
  • कला /साहित्य
  • कलक राेकाया सानुका मुक्तक (मेराे बाजुरा)

कलक राेकाया सानुका मुक्तक (मेराे बाजुरा)

  • आइतवार, भदौ २९, २०७६
कलक राेकाया सानुका मुक्तक (मेराे बाजुरा)

१. रुखैमा स्याउ कुईयाे मेराे बाजुरामा,

गरिबकाे घर चुईयाे मेराे बाजुरामा।

सकियाे नुन चामल गरिब लाई खान,

फाटाे लुगा सिउन छैन सुईयाे मेराे बाजुरामा।

२. पुल छैन गर्नु पर्छ वारि पारि मेराे बाजुरामा,

भाेकै बाेक्नु पर्छ ठुला भारि मेराे बाजुरामा।

घर परिवार आफन्त छाेडेर साच्चै कमाउन,

सबै प्रदेश जान्छन माया मारि मेराे बाजुरामा।

-कलक राेकाया सानु

गाैमुल ६ सालिकाेट बाजुरा

चर्चामा

सम्बन्धित समाचार